औरंगजेब कब्र विवाद को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा, कई पुलिस कर्मियों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल

नागपुर, जनमुख न्यूज़। महाराष्ट्र के नागपुर जिले में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विहिप और बजरंग दल समेत कई हिंदूवादी संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी जिसमें कई वाहनों को आक्रोशित लोगों ने आग के हवाले कर दिया। इस दौरान हुए पथराव में लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी और चार – पांच आम आदमी भी घायल हो गए हैं।
मालूम हो कि आज औरंगजेब की कब्र के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद दो गुटों के बीच टकराव हो गया। नागपुर के महाल इलाके में दोनों ओर से पथराव हुआ। वाहनों में आग लगा दी गई। दोनों गुटों को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया। केंद्रीय मंत्री और सांसद नितिन गडकरी और सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति की अपील की है। उधर मुख्यमंत्री फडणवीस लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।
धार्मिक किताब जलाए जाने के आरोप के बाद भड़की हिंसा
महल इलाके में औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास बजरंग दल के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। पुलिस के मुताबिक अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान धार्मिक पुस्तक को जलाया गया है। बजरंग दल के प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिससे मुस्लिम समुदाय के सदस्यों में आक्रोश फैल गया। शाम को गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में पवित्र पुस्तक को जलाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस ने कहा कि शिकायत के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के सदस्य महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चितनविस पार्क सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में इकट्ठा होने लगे। पुलिस ने गड़बड़ी को भांपते हुए गश्त बढ़ा दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया। इस बीच दो गुटों के बीच पथराव होने लगा। वाहनों में आग लगा दी गई। घटना में चार लोग घायल हो गए। पुलिस ने चिटनीस पार्क और महल इलाकों में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
अधिकारियों ने बताया कि हिंसा कोतवाली और गणेशपेठ तक भी फैल गई। पुलिस ने बताया कि चिटनीस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड बेल्ट हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ। यहां चार पहिया वालों को आग के हवाले कर दिया गया। लोगों के घर पर पत्थर फेंके गए। चिटनिस पार्क और महल इलाकों में पुलिस कर्मियों पर पत्थर फेंके गए, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। बजरंग दल के पदाधिकारियों ने आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के तहत केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।

