सोनम वांगचुक उमर खालिद सरीखे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए बनारस में उठी आवाज

वाराणसी, जनमुख न्यूज। बुधवार को साझा संस्कृति मंच के द्वारा वाराणसी के कचहरी स्थित अंबेडकर पार्क में मानवाधिकार दिवस मनाया गया l वक्ताओं ने देश और दुनिया में मानवाधिकार की स्थितियों पर चिंता जाहिर की। भारत के विभिन्न राज्यों में पुलिस द्वारा और राज्य के द्वारा किए जा रहे दमन और राज्य पोषित समर्थित उत्पीड़न पर रोष व्यक्त किया गया।
वक्ताओ ने कहा की कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के बाद हजारों लोगों को शंका के आधार पर जेल में बंद कर दिया गया है। 370 हटने के बाद लद्दाख में कॉर्पोरेट को खुली छूट दी जा रही हम पहाड़ों का खनन हो रहा है। प्राकृतिक सुंदरता को चोट पंहुचाई जा रही है। संसाधन को बचाने और लोकतंत्र की जायज मांग को लेकर अहिंसक आंदोलन कर रहे वैज्ञानिक सोनम वांगचुक देशद्रोह के झूठे अपराध में जेल में डाल दिए गए है।
मणिपुर सालों से अशांत है, असम में बंगाल में और यहां तक की बनारस में भी बंगाली बोलने वाले गरीब लोगों को घुस पैठिया बता कर पुलिस उत्पीड़न किया जा रहा हैl सोनभद्र में बस्तर में जंगल काटे जा रहे हैं और आदिवासियों को मारा जा रहा है, पिछले एक साल में 700 से ज्यादा आदिवासी लोग मारे गए हैँ। जनता की आवाज़ उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्त्ता और पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और उनके घर बुलडोज किये जा रहे हैंl NRC CAA आंदोलन में कई सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता 2019 से ही जेल में है। जेएनयू छात्र रहे उमर खालिद का उदाहरण ले तो पुलिस उनके खिलाफ कोई सबूत कोर्ट में दे नहीं पाई है। लेकिन इतना समय बीतने के बावजूद उन्हें अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल भी लेने के लिए मुश्किलात झेलनी पड़ रही है। बेरोजगार युवा सड़कों पर पीटे जा रहे हैं। हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत दुनिया की नजर में एक तकलीफ देह स्थिति का देश है… हम हंगर इंडेक्स में 125 वे नंबर पर है,प्रेस की आजादी में 161 में नंबर पर। सामाजिक हालात कष्टप्रद है न्याय की उम्मीद इतनी कमजोर है की लोगो का व्यवस्था से भरोसा उठता जा रहा है, लोकतान्त्रिक ढांचा चरमरा रहा है।महिलाओ बच्चों दलितों आदिवासियों अल्पसंख्यक सभी के मानवाधिकार कुचले जा रहे हैँ और बड़ी संख्या में लोगो का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है।
यह सब केवल भारत में हो रहा है ऐसा भी नहीं है, दुनिया के पैमाने पर कारपोरेट और स्टेट का दमन बुलडोजर राज में बदल गया है, फिलिस्तीन सूडान ब्राजील युक्रेन सीरिया सब जगह हालात भयानक हैँ, लाखो लोग मारे गए और करोड़ो बेघर किये गए हैँ। कटटरपंथी सत्ता में हैँ। ऐसे में शांति अहिंसा और प्रेम भाईचारे समानता सह अस्तित्व की बात करने वाले लोगो को एक साथ आ कर इस धरती पर जीवन को बचाने के प्रयत्न करने की बहुत जरूरत है।
आज के कार्यक्रम में डॉआनंद प्रकाश तिवारी जगृति राही, एकता, मुनिजा रफीक खान, नंदलाल मास्टर, रंजू सिंह, धन्नजय, रवि,इन्दु, अनूप श्रमिक,ऐड अबु हाशिम संजय सिंह,नीति,फादर प्रवीण, फादर दयाकर, सिस्टर फ़्लोरिनकमलेश, एजाज, अनिल इत्यादि शामिल हुए।कार्यक्रम के अन्त में सभी ने उम्मीद की रौशनी के प्रतीक के रूप में मोमबत्ती जलाई और प्रार्थना की।

