दाऊद इब्राहिम से क्यों मिले थे शरद पवार

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज । महाराष्ट्र में चुनाव के मद्देनजर एक बार फिर दाऊद इब्राहिम फैक्टर सामने आया है। वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने हाल ही में सनसनीखेज बयान देते हुए आरोप लगाया कि एनसीपी नेता शरद पवार ने १९८८-९१ में मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान दुबई में गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से मुलाकात की थी।वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने शुक्रवार को विस्फोटक दावा करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (एनसीपी-एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार दुबई में दाऊद इब्राहिम से मुलाकात की थी। उल्लेखनीय है कि प्रकाश अंबेडकर ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड जारी करने की मांग की है, ताकि यह समझा जा सके कि क्या केंद्र सरकार ने शरद पवार को उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान दुबई में दाऊद इब्राहिम से मिलने की अनुमति दी थी। अंबेडकर ने बताया कि शरद पवार १९८८ से १९९१ तक मुख्यमंत्री थे और इस दौरान उन्होंने विदेश यात्राएं कीं। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पवार पहले लंदन गए और फिर एक बैठक के लिए कैलिफोर्निया में दो दिन बिताए। प्रकाश अंबेडकर ने कहा मैंने कोई आरोप नहीं लगाया है। लेकिन मैंने सिर्फ कुछ तथ्य सामने रखे हैं। १९९८-१९९१ तक शरद पवार मुख्यमंत्री थे और उस दौरान वे लंदन गए और फिर एक बैठक के लिए कैलिफोर्निया गए। वे वापस लंदन आए और फिर दुबई गए। उन्होंने दुबई में दाऊद इब्राहिम से मुलाकात की। हम पूछ रहे हैं कि क्या केंद्र सरकार ने इस बैठक को मंजूरी दी थी।महत्वपूर्ण बात यह है कि पवार ने खुद इस आरोप का खंडन नहीं किया है, जबकि दलित नेता द्वारा यह आरोप लगाए जाने के कई दिन बीत चुके हैं। जब प्रâी प्रेस जर्नल ने उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले से संपर्क किया, तो उन्होंने भी अंबेडकर के आरोपों का जवाब नहीं दिया। एनसीपी-एसपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने प्रकाश अंबेडकर की टिप्पणी पर कहा- एनसीपी (एसपी) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने आरोप लगाया कि अंबेडकर ‘भाजपा की कठपुतली’ हैं और भगवा पार्टी के इशारे पर आरोप लगा रहे हैं। अगर क्रैस्टो जो कह रहे हैं वह सच है तो इसका मतलब है कि भाजपा चुनाव से पहले एमवीए को अस्थिर करने के लिए डी-कार्ड का इस्तेमाल कर रही है। भाजपा की रणनीति शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के लिए एनसीपी (एसपी) के सहयोगी बने रहना मुश्किल बनाना है।

