मासूम की गवाही पर पिता को मिली कैद, पिटाई से तंग आकर पत्नी ने की थी आत्महत्या

बरेली, जनमुख न्यूज। बरेली में ११ साल के मासूम ने कोर्ट में गवाही दी। बोला, पापा रोज मम्मी को मारते-पीटते थे। इससे तंग आकर मम्मी ने जान दे दी। पत्नी को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के दोषी पति को अपर सत्र न्यायाधीश (त्वरित न्यायालय) रवि कुमार दिवाकर ने १० साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर ५० हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
मढ़ीनाथ निवासी कामिनी सक्सेना की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने छह नवंबर २०११ को पुत्री वंदना का विवाह वारादरी थाना क्षेत्र के संजयनगर निवासी विकास उपाध्याय ऊर्फ बिक्की से किया था। विवाह के बाद विक्की व अन्य ससुरालवाले दहेज के लिए वंदना को पीटते थे। वंदना के दो बच्चे आयुष्मान और रितिका भी हैं। संतान होने के बाद ससुराल वालों का उत्पीड़न और बढ़ गया।
कामिनी के मुताबिक, २९ अगस्त २०२३ को वंदना ने देररात कॉल कर कहा कि उसे ससुराल से ले जाओ। इस पर उन्होंने सुबह आने का आश्वासन दिया। ३० अगस्त २०२३ को उसकी ससुराल से आरती ने कॉल कर बताया कि वंदना की मृत्यु हो गई है। मायके वाले वहां पहुंचे तो पड़ोसियों ने बताया कि वंदना की हत्या कर दी गई है।
पुलिस ने एक माह बाद रिपोर्ट दर्ज की और आरोपी विकास को गिरफ्तार कर लिया। विवेचक ने १५ फरवरी २०२४ को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी। अभियोजन की ओर से न्यायालय में आठ गवाह व १३ साक्ष्य पेश किए गए। न्यायालय ने विकास को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।
न्यायालय ने युवाओं और शादीशुदा महिलाओं से आग्रह किया कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थितियां आएं, उनका डटकर मुकाबला करें। किसी भी हालत में भगवान के दिए जीवन को समाप्त न करें। जीवन एक तपस्या है। छोटी-छोटी परेशानी से डरने की जरूरत नहीं है। रात कितनी ही काली क्यों न हो, उसके बाद सुबह जरूर होती है।

