योगी आदित्यनाथ बोले- अब यूपी में नियुक्तियों में नहीं होगा जाति-धर्म का भेदभाव, पारदर्शिता से मिल रहे अवसर

लखनऊ, जनमुख न्यूज़। राजधानी लखनऊ के लोकभवन सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में अब नियुक्तियों में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की परंपरा खत्म हो गई है। मंगलवार को सीएम योगी ने 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए कहा कि पहले प्रदेश में नियुक्तियां “बंदरबांट” का शिकार होती थीं। युवाओं से भेदभाव केवल उनके सपनों के साथ अन्याय नहीं था बल्कि यह पूरे राष्ट्र की क्षति थी।
सीएम योगी ने कहा कि अब चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और शुचितापूर्ण है। इसी का नतीजा है कि आज आजमगढ़, शामली जैसे जिलों की बेटियों और थारू जनजाति की युवती को भी अवसर मिल रहा है। उन्होंने नियुक्त अभ्यर्थियों से आह्वान किया कि वे भी अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी और निष्पक्षता से करें।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने 20 साल तक यूपी को बीमारू राज्य बना दिया था, वही आज भी नकारात्मक बातें फैला रहे हैं। हमने प्रदेश में जर्जर विद्यालयों को दुरुस्त करने और बाल वाटिका की शुरुआत करने का काम किया है। आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है क्योंकि “जब बचपन मजबूत होगा, तभी जवानी मजबूत होगी।”
सीएम योगी ने मुख्य सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी भूमिका “मां यशोदा” जैसी है, जिन्हें बच्चों की परवरिश और देखभाल की जिम्मेदारी मिली है।
इस मौके पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भी कहा कि योगी सरकार ने कन्याओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले आठ सालों में प्रदेश सरकार की मदद से 4.77 लाख कन्याओं के विवाह संपन्न कराए गए हैं। खन्ना ने कहा कि समाज में कन्याओं का पोषण इस सोच से नहीं होना चाहिए कि वे “पराए घर जाएंगी”, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना ही असली उद्देश्य होना चाहिए।

