मुसीबत में केजरीवाल और सिसोदिया, शराब घोटाले ईडी को मुकदमा चलाने की मिली मंजूरी

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। चुनाव से ठीक पहले आप नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया पर मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय का यह फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद आया है।
पिछले नवंबर में एक आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धन शोधन के मामलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९७ (१) (अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा २१८) के तहत अभियोजन के लिए ईडी को भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरह पूर्व मंजूरी लेनी होगी। मंजूरी के अभाव में आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ आरोपों का निर्धारण दिल्ली की एक अदालत में लंबित था।
उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले महीने एजेंसी को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी। सीबीआई को अगस्त २०२४ में आबकारी नीति से जुड़े समानांतर भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई थी।
ईडी ने जमानत पर बाहर आए केजरीवाल को २१ मार्च को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया और १७ मई को चार्जशीट में उनका नाम दर्ज किया, जिसमें दावा किया गया कि कुछ शराब व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए ली गई कथित १०० करोड़ रुपये की रिश्वत में से ४५ करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी (आप) के गोवा चुनाव अभियान के लिए इस्तेमाल किए गए। ईडी ने कहा कि केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे और जुटाए जा रहे फंड के लिए आखिरकार जिम्मेदार थे। इसने केजरीवाल को आप के पीछे का दिमाग और उसकी गतिविधियों को नियंत्रित करने वाला बताया।
ईडी ने केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़ी अनियमितताओं का ‘सरगना’ बताया। और कहा कि केजरीवाल, उनके तत्कालीन डिप्टी मनीष सिसोदिया और पूर्व आप मीडिया प्रभारी विजय नायर ने अपने चुनावी फंडिंग के लिए १०० करोड़ की रिश्वत के अलावा ‘अतिरिक्त’ पैसे मांगे थे। एजेंसी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के एक ‘करीबी सहयोगी’ विनोद चौहान ने आप के लिए दिल्ली से गोवा तक २५.५ करोड़ रुपये की रिश्वत राशि ट्रांसफर करने का काम संभाला। केजरीवाल ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है।

