गृह मंत्रालय को लेकर भाजपा और शिवसेना शिंदे में ठनी, फडणवीस ने दिए तीन विकल्प

मुंबई, जनमुख न्यूज़। चुनाव परिणाम आने के 10 दिन बाद महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में नई सरकार का गठन तो हो गया लेकिन अभी भी मंत्रालयों को लेकर गठबंधन में खींचतान जारी है। खास तौर से भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना शिंदे गुड गृह मंत्रालय अपने पास रखने को लेकर अड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में गृह विभाग के लिए शिवसेना के एकनाथ शिंदे की मांग के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं। भाजपा ने उन्हें राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभागों में से चुनने का विकल्प दिया है। भाजपा ने पहले ही उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार को वित्त और योजना विभाग देने का वादा किया है। सूत्रों ने बताया, ‘भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना को स्पष्ट कर दिया है कि वह उसे गृह मंत्रालय नहीं दे सकती।’
फडणवीस ने मीडिया से कहा, “16 दिसंबर से नागपुर में शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।” बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया कि 7 से 9 दिसंबर तक चलने वाले तीन दिवसीय विशेष सत्र के समापन के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।
शिवसेना की ओर से शिंदे को गृह मंत्रालय दिए जाने का दबाव है, क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा है। गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट और भरत गुगवले समेत कई शिवसेना नेताओं ने वकालत की है कि शिंदे को गृह मंत्रालय मिलना चाहिए। हालाँकि, 288 में से 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने मुख्यमंत्री पद लेने के बाद अब गृह मंत्रालय पर अपना अधिकार जताया है।
शुक्रवार को टीवी चैनलों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, “केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार है। केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली में भाजपा के पास है। इसलिए गृह मंत्रालय उसी पार्टी के पास रहने से समन्वय में आसानी होती है।” भाजपा के अंदरूनी सूत्र का कहना है कि “फडणवीस ने अपने पहले कार्यकाल (मुख्यमंत्री के रूप में) में गृह विभाग भी संभाला था और कुछ साहसिक सुधार किए थे।
भाजपा ने यह भी संकेत दिया है कि संख्या के आधार पर उसके पास सबसे अधिक मंत्री होंगे। सूत्रों से पता चलता है कि भाजपा के पास 18 से 20 मंत्री होंगे, शिवसेना के पास 12 से 14 मंत्री होंगे और एनसीपी के पास 9 से 11 मंत्री होंगे। महायुति गठबंधन के पास 30 से 35 मंत्रियों के साथ एक बड़ा मंत्रिमंडल होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की अधिकतम स्वीकृत संख्या 43 है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
पिछली सरकार में राजस्व और लोक निर्माण विभाग भी भाजपा के पास था। अगर शिवसेना शहरी विकास विभाग अपने पास रखती है तो राजस्व/लोक निर्माण विभाग भाजपा के पास वापस आ जाएगा। हालांकि, उद्योग, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और स्वच्छता, लोक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रम), अल्पसंख्यक विकास और वक्फ बोर्ड विकास, मराठी भाषा पर शिवसेना को प्राथमिकता मिलेगी, जो पिछली सरकार में उसके पास थी।

