पहली बार तीसरे रविवार को हुआ ‘मन की बात’ का प्रसारण, पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस के साथ कई विषयों पर साझा किया अपना विचार

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए लोगों को संबोधित किया। महीने के आखिरी रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह के चलते पहली बार तीसरे रविवार को पीएम के मन की बात कार्यक्रम का प्रसारणर हुआ। कार्यक्रम के ११८वें एपिसोड में पीएम मोदी ने लोगों को गणतंत्र दिवस की बधाई देने के साथ कई महत्वपूर्ण बातों पर अपने विचार रखे। पीएम मोदी ने बाबासाहब भीमराव आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुराने संबोधनों के कुछ अहम अंश भी सुनाए।
उन्होंने कहा कि इस बार का ‘गणतंत्र दिवस’ बहुत विशेष है। ये भारतीय गणतंत्र की ७५वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष संविधान लागू होने के ७५ साल हो रहे हैं। मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया। संविधान सभा के दौरान अनेक विषयों पर लंबी-लंबी चर्चाएं हुईं। वो चर्चाएं संविधान सभा के सदस्यों के विचार, उनकी वो वाणी, हमारी बहुत बड़ी धरोहर है। देश में जब १९५१-५२ में पहली बार चुनाव हुए, तो कुछ लोगों को संशय था, कि क्या देश का लोकतंत्र जीवित रहेगा? इन सब के बीच हमारे लोकतंत्र ने सारी आशंकाओं को गलत साबित किया। आखिर भारत लोकतंत्र की जननी है। मैं देशवासियों से कहूंगा कि वो ज्यादा-से-ज्यादा संख्या में अपने मत के अधिकार का उपयोग करें, हमेशा करें, और देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिसा का हिस्सा भी बनें और इस प्रकिया को सशक्त भी करें।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं। इसमें भारत के दक्षिण से लोग आते हैं, भारत के पूर्व और पश्चिम से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब-अमीर सब एक हो जाते हैं।
अयोध्या में बीते वर्ष हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा की ये द्वादशी, भारत की सांस्कृतिक चेतना की पुनः प्रतिष्ठा की द्वादशी है। इसलिए पौष शुक्ल द्वादशी का ये दिन एक तरह से प्रतिष्ठा द्वादशी का दिन भी बन गया है।
उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए गर्व है कि एक भारतीय स्पेस-टेक स्टार्टअप बंगलूरू के पिक्सल ने भारत का पहला निजी उपग्रह तारामंडल सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह उपग्रह तारामंडल दुनिया का सबसे हाई-रिजॉल्यूशन हाइपर स्पेक्ट्रल सैटेलाइट तारामंडल है। कुछ दिन पहले हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष सेक्टर में ही एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। हमारे वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट्स की स्पेस डॉकिंग कराई है। जब अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ा जाता है तो इस प्रक्रिया को स्पेस डॉकिंग कहते हैं। यह तकनीक अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन तक सप्लाई भेजने और क्रू मिशन के लिए अहम है। भारत ऐसा चौथा देश बना है, जिसने ये सफलता हासिल की है।
प्रधानमंत्री ने कहरा कि असम में एक जगह है ‘नौगांव’। ‘नौगांव’ हमारे देश की महान विभूति श्रीमंत शंकरदेव का जन्म स्थान भी है। ये जगह बहुत ही सुंदर है। यहां हाथियों का भी एक बड़ा ठिकाना है। इस क्षेत्र में कई घटनाएं देखी जा रही थी, जहां हाथियों के झुंड फसलों को बर्बाद कर देते थे, किसान परेशान रहते थे, जिससे आस-पास के करीब १०० गांवों के लोग, बहुत परेशान थे, लेकिन गांव वाले, हाथियों की भी मजबूरी समझते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें पता था कि हाथी, भूख मिटाने के लिए, खेतों का रूख कर रहे हैं, इसलिए गांववालों ने इसका समाधान निकालने की सोची। गावंवालों की एक टीम बनी, जिसका नाम था ‘हाथी बंधु’। हाथी बंधुओं ने सूझ-बूझ दिखाते हुए करीब ८०० बीघा बंजर भूमि पर एक अनूठी कोशिश की। यहाँ गांववालों ने आपस में मिल-जुल कर नैपियर घास लगाई। इस घास को हाथी बहुत पसंद करते हैं। इसका असर ये हुआ कि हाथियों ने खेतों की ओर जाना कम कर दिया।’

