मैक्सिको की फातिमा बॉश बनीं नई मिस यूनिवर्स 2025, भारत टॉप-12 की दौड़ से बाहर

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। थाईलैंड में आयोजित प्रतिष्ठित मिस यूनिवर्स 2025 प्रतियोगिता में मैक्सिको की फातिमा बॉश ने ताज अपने नाम कर इतिहास रच दिया। जैसे ही उनका नाम विजेता के रूप में घोषित हुआ, भावुक फातिमा की आंखों से आंसू छलक पड़े—ये आंसू उनकी वर्षों की मेहनत और संघर्ष की जीत थे। रेड गाउन में वे बेहद ग्लैमरस नजर आईं।
टॉप फाइनलिस्ट
फर्स्ट रनर-अप: प्रवीणर सिंह (थाईलैंड)
सेकंड रनर-अप: स्टीफिन अबासली (वेनेजुएला)
थर्ड रनर-अप: अतीशा मनालो (फिलिपिन्स)
फोर्थ रनर-अप: कोत दिव्वार की प्रतिभागी
भारत की ओर से राजस्थान की मॉडल मनिका विश्वकर्मा ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। वे टॉप-30 तक पहुंचीं, लेकिन टॉप-12 में जगह नहीं बना सकीं।
विवादों के बीच मिली जीत
फिनाले से पहले फातिमा बॉश विवादों में घिर गई थीं।
4 नवंबर को मिस थाईलैंड के निदेशक नवात इत्साराग्रिसिल ने प्रमोशनल कंटेंट साझा न करने को लेकर फातिमा के प्रति कठोर और अपमानजनक शब्द कहे थे। माहौल तनावपूर्ण हो गया और विरोध में फातिमा मंच से वॉक-आउट कर गईं। कई प्रतिभागियों ने उनका समर्थन किया। बाद में मंच पर लौटकर उन्होंने निदेशक के व्यवहार को अनुचित बताया।
फातिमा बॉश फर्नांडिस का जन्म 19 मई 2000 को मैक्सिको के तेपा में हुआ। 25 वर्षीय फातिमा आज अपने देश में गर्व का कारण बन चुकी हैं। इस बार चिली, कोलंबिया, क्यूबा, चीन, फिलिपिन्स, प्यूर्टो रिको, वेनेजुएला, थाईलैंड समेत कई देशों की सुंदरियों ने हिस्सा लिया। भारत की बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल भी जज पैनल में शामिल रहीं।
फातिमा का प्रेरणादायक जवाब
अंतिम राउंड में उनसे पूछा गया— “2025 में महिलाओं की सबसे बड़ी चुनौती क्या है और आप मिस यूनिवर्स बनकर दुनिया की महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान कैसे बनाएंगी?”
फातिमा ने कहा: “एक महिला और मिस यूनिवर्स के रूप में मैं अपनी आवाज का उपयोग उन लोगों के लिए करूंगी, जिन्हें बोलने की जरूरत है। आज भी महिलाएं सुरक्षा और समान अवसरों की चुनौती झेल रही हैं, लेकिन यह पीढ़ी अब चुप नहीं रहती। महिलाएं बदलाव की मांग करने, नेतृत्व में आगे आने और अपनी कहानी खुद लिखने की ताकत रखती हैं।”

