देश को अस्थिर करने के बीजेपी के आरोपों पर भड़का अमेरिका, कहा- सत्तारुढ़ पार्टी के आरोप निराशजनक

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भाजपा द्वारा अमेरिकी विदेश विभाग पर एक समाचार पोर्टल को आंशिक रूप से वित्तपोषित करके “भारत को अस्थिर करने” का प्रयास करने का आरोप लगाने के दो दिन बाद नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने आज शनिवार को कहा कि यह “निराशाजनक है कि भारत में सत्तारूढ़ पार्टी इस तरह के आरोप लगाती है”।
अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिकी सरकार पत्रकारों के लिए पेशेवर विकास और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण का समर्थन करने वाले कार्यक्रमों पर स्वतंत्र संगठनों के साथ काम करती है,” “यह कार्यक्रम इन संगठनों के संपादकीय निर्णयों या दिशा को प्रभावित नहीं करता है… संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता का चैंपियन रहा है। एक स्वतंत्र और स्वतंत्र प्रेस किसी भी लोकतंत्र का एक अनिवार्य घटक है, जो सूचित और रचनात्मक बहस को सक्षम बनाता है और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाता है।”
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि अमेरिका के “डीप स्टेट” में मौजूद तत्वों ने पत्रकारों के एक समूह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ मिलकर भारत की विकास में रोड़ा अटकाया है, जिसके लिए उन्होंने बिना किसी सबूत के बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यह सब अमेरिकी विदेश विभाग और अमेरिकी उद्योगपति जार्ज सोरोस के साथ मिलकर किया जा रहा है।
पात्रा की यह टिप्पणी अमेरिकी न्याय विभाग और बाजार नियामक प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अमेरिकी अदालतों में गौतम अडानी, उनके भतीजे और उनके समूह पर रिश्वतखोरी, विनिमय धोखाधड़ी और अमेरिकी कानून के अन्य कथित उल्लंघनों के लिए दायर अभियोग के चलते भारत में लगातार गौतम अडानी के खिलाफ कार्रवाई की विपक्ष की मांग के बीच आई है।
भाजपा प्रवक्ता ने फ्रांसीसी पोर्टल मीडियापार्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ओसीसीआरपी को अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट और अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस जैसे “अन्य डीप स्टेट हस्तियों” द्वारा वित्त पोषित किया गया था। भाजपा ने कहा, “डीप स्टेट का स्पष्ट उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाकर भारत को अस्थिर करना था।”
इसमें कहा गया है, “इस एजेंडे के पीछे हमेशा से अमेरिकी विदेश विभाग रहा है… ओसीसीआरपी ने डीप स्टेट एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक मीडिया टूल के रूप में काम किया है।” आरोपों में यह भी कहा गया था कि भाजपा प्रवक्ता ने राहुल पर ‘सबसे बड़े देशद्रोही’ होने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘अमेरिका की कुछ एजेंसियां’ और सोरोस ‘भारत को अस्थिर करने की कोशिश में एक खतरनाक त्रिकोण’ बना रहे हैं।
बीजेपी के इन आरोपों के दो दिन बाद अमेरिका ने प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए भाजपा के इस आरोप का खंडन किया कि आंशिक रूप से अमेरिका द्वारा वित्तपोषित ओसीसीआरपी ने अडानी तथा अन्य पर रिपोर्ट के माध्यम से भारत को निशाना बनाया।

